तन्हा भी ख़ुद से हैं बहुत भी रोया होता है मर्द को भी दर्द खुद से ख़ुद को मिलाओ माँ से बड़ा कोई भी नहीं

Hindi ज़रा से प्यार को भी बहुत समझो और सामने वाले से मिली उपेक्षा को भी मत सहो Poems